दमा (श्वास रोग) के लिए आयुर्वेदिक उपचार
अगस्त
100 ग्राम सनाय के पत्ते, 12 ग्राम आँवले दोनों को पानी के साथ पीसकर छोटी-छोटी गोलियाँ बना लें। यह गोली दमें के रोगी के लिए बड़ी लाभकारी है।
सुहागा
सुहागे को कूट-पीसकर तवे पर रखें। जब पिघलकर सूख जाए तो धीरे-धीरे फूलने लगेगा। तब उतारकर रख लें। अब यह फूला हुआ सुहागा और मुलहठी- दोनों को कूटकर चूर्ण कर लें। अब किसी कपड़े से छानकर शीशी में रख लें। 800 मि.ग्रा. यह दवा दिन में दो बार शहद के साथ चाटना बहुत लाभकारी सिद्ध होगा।
अदरक
अदरक का रस, नींबू का रस और शहद तीनों को मिलाकर पीना बड़ा लाभकारी रहता है।
अन्धाहुली
अन्धाहुली की जड़, जीरा, सोंठ, काली मिर्च- सबको पीसकर मिला लें। पाँच हफ्ते इसका सेवन करें। बहुत लाभकारी है।
अडूसा
अडूसे की छाल का रस, मुनक्के का काढ़ा, कटेली की रस, मिश्री और चिचिड़ी का रस-सब 510 510 ग्राम लेकर अच्छी तरह गर्म कर लें। गाढ़ा होने पर उतार लें। अब इसमें भारंगी, मुलहठी, पीपल, सुहागा,वंशलोचन और आँवला-सब 32-32 ग्राम लेकर चूर्ण बना लें। यह चूर्ण भी उस काढ़े में मिला लें। जब काढ़ा कुछ ठंडा हो जाए तो उसमें 500 ग्राम शहद मिला लें। यह दवा दिन में दो बार 10 ग्राम की मात्रा में रोगी को दें।
अन्य और सहायक उपचार
- अंगूर का सेवन करें।
- दो चम्मच ईसबगोल दिन में दो बार रोजाना लम्बे समय तक गर्म पानी के साथ सेवन करें। यह तो बहुत ही लाभकारी प्रयोग है।
- अंजीर का सेवन करें। करेले की सब्जी खाएँ ।
- खजूर का सेवन करें।
सावधानी बरतें
नारियल, तरबूज का सेवन मत करें।