अनिद्रा रोग का आयुर्वेदिक उपचार
नमस्कार दोस्तों दोस्तों
आधुनिकता के इस युग में रात को नींद ना आना एक बहुत ही आम एवं गंभीर समस्या बन गई है। तनावपूर्ण जीवन शैली तथा इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के बीच में घिरे रहने के कारण हमारे जीवन, दिमाग और आंखों पर इसका दुष्प्रभाव पड़ता है। इसके अन्य कारण हमारा व्यवसाय , बायोलॉजिकल क्लॉक और हमारे आहार भी हो सकते हैं दोस्तों यह बात तो तय है कि हम जितना भी धन कमाने जितना भी ऐश्वर्य का जीवन व्यतीत कर ले, किंतु आराम पूर्वक निद्रा हम सभी की सांझी तथा महत्वपूर्ण आवश्यकता है। यह सब कुछ जानते हुए भी बहुत सारे लोग तनावपूर्ण जीवन व्यतीत करते हैं और अधिकांश लोगों को रात्रि में निद्रा ना आने की समस्या अक्सर देखने को मिलती है । ऐसे में डॉक्टर कुछ लोगों को नींद की गोलियां लेने की सलाह देते हैं। किंतु यह सर्वविदित है कि इन गोलियों का नियमित रूप से सेवन करने पर किस प्रकार की जटिल समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस पोस्ट के माध्यम से हम यह जानने की कोशिश करेंगे कि आयुर्वेद का सहारा अनिद्रा की स्थिति में किस प्रकार लिया जा सकता है।
तो चलिए कुछ ऐसे महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक उपचारों के बारे में जान लेते हैं जो कि अनिद्रा जैसी गंभीर समस्या को दूर करने के लिए उपयोगी साबित होते हैं।
अरंड
अरण्ड के बीज को जलाकर काजल बना लें। उसे काजल की तरह आंखों में लगाएं।
पीपल चूर्ण
पीपल चूर्ण को शहद के साथ मिलाकर खाएँ।
जायफल
जायफल को घी में घिसें और फिर पलकों पर लगा लें ।
अन्य सहायक उपचार
- भृंगराज तेल की सिर पर मालिश करें।
- धनिये के रस में मिश्री मिलाकर सेवन करें। बड़ा लाभकारी है।
- सेब का मुरब्बा खाएँ ।